यमुनानगर : बेटी, बहू और माता से सबका होता है एक नाता कन्या पूजन करने वाले इस देश में बेटी का सम्मान सर्वोपरि होता है परंतु ना जाने फिर भी क्यों इस देश में बेटियों की सुरक्षा का मुद्दा हमेशा अहम मुद्दों में होता है। भारत में बेटियों को लेकर सबसे बड़ा जागरूकता अभियान बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ आरंभ होने के बाद बेटियों के प्रति कुछ तस्वीर बदली बदली सी नजर आती है पर फिर भी कहीं ना कहीं इसमें और जागरूकता की जरूरत है समाज के कुछ जागरूक लोगों ने बेटियों को सम्मान शिक्षा देने की मुहिम छेड़ रखी है जिसमें बेटियों को बेटों के बराबर समझने के लिए मानसिकता में बदलाव लाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस इस मुहिम को याद कराने और देश का नाम रोशन करने वाली बालिकाओं को सम्मान देने का दिन है।
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस केवल एक दिवस ही नहीं है बल्कि सभी को जागरूक करने के लिए एक प्रयास है हमारे देश में कन्या पूजन की जाती है ये असल मायने में तब सफल होगा जब कन्या भ्रूण हत्या समाप्त होगी बालिकाओं को बेहतर शिक्षा दी जाएगी महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी रेनू चावला ने विश्व बालिका दिवस के अवसर पर कार्यलय में सभी कर्मचारियों को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शपथ दिलवाई और साथ ही बेटियों के बेहतर पालन पोषण और शिक्षा के लिए अपील की उन्होंने बताया की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की ब्रैंड अम्बेस्डर अलका गर्ग और इंदू कपूर ने भी समाज को जागरूक करने के लिए सन्देश दिए है
बेटियों को बोझ माना जाता था पर अब ये धारणा बदल रही है समाजिक बदलाव और सरकार के प्रयासों से लिंगानुपात में सुधार आ रहा है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा बेटियों को सशक्त बना रहा है आज शिक्षा स्वस्थ खेल कूद सेना हर क्षेत्र में बेटियों देश का नाम रोशन कर रही है
समय के फेर और देश नाम रोशन करने वाली बेटियों ने लोगों को अब कहने पर मजबूर कर दिया है अगले जन्म मोहे बिटिया ही दीजो हर अभिभावक को चाहिए के वो अपनी बेटी को अच्छी शिक्षा दे उसे हमेशां प्रोत्साहित करें अगर ऐसा होगा तभी हमारे समाज में साइंटिस्ट कल्पना चावला हॉकी खिलाडी सुरेंदर कौर लेफ्टिनेट शिवांगी सिंह महिला पायलट रफाल जैसी बेटियां होंगी तो महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी रेनू चवला का कहना है की बेटी हमेशां एक परिवार का गौरव रही है विश्व बालिका दिवस परिवार की सभी लड़कियों और महिलाओं को सम्मानित करने का खास दिन है. दरअसल,भारत में बेटियों को लक्ष्मी का दर्जा दिया गया है. ऐसे में उन्हें बेटों से कम आंकने की बजाय उनका सम्मान करना चाहिए यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि विश्व बालिका दिवस बालिकाओं को सम्मान देने का एक बेहतर प्रयास है
(इनपुट के साथ सुनील झा, मनिंदर सिंह)